सेक्सटॉर्शन के मामले तीन गुना बढ़े, ब्लैकमेलिंग का नया तरीका

सेक्सटॉर्शन के मामले तीन गुना बढ़े, ब्लैकमेलिंग का नया तरीका

शिमला
हिमाचल प्रदेश में साइबर अपराध के बढ़ते ग्राफ के बीच अब सेक्सटॉर्शन एक नया तरीका बनकर तेजी से बढ़ रहा है। साइबर क्राइम पुलिस के आंकड़ों में पता चला है कि कोविड-19 के दौर में पिछले दो साल में सेक्सटॉर्शन के मामलों में तीन गुना तक इजाफा हुआ है। साइबर अपराधी लोगों के अकेलेपन व तनाव का फायदा उठाकर उन्हें सेक्सटॉर्शन (नग्न तस्वीर या वीडियो को वायरल करने के नाम पर ब्लैकमेल करना) का शिकार बना रहे हैं। इस तरह के अपराध में ज्यादातर मामलों में पीड़ित या पीड़िता खुद ही साइबर अपराधी के झांसे में आकर उससे अपनी न्यूड या अंतरंग तस्वीरें या वीडियो साझा कर देता है। इसके बाद उन्हीं वीडियो या फोटो के नाम पर साइबर अपराधी पैसों से लेकर न्यूड फोटो या वीडियो की डिमांड कर पीड़ितों को सेक्सटॉर्शन का शिकार बनाते हैं।

अपराधी तस्वीरों व वीडियो दुरुपयोग कर भी करते हैं सेक्सटॉर्शन
इसके अलावा कुछ मामलों में साइबर अपराधी पॉर्न साइट विजिट करने या सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपनी फोटो पब्लिक रखने वालों की तस्वीरों व वीडियो दुरुपयोग कर सेक्सटॉर्शन करते हैं। बदनामी के डर से लोग शिकायत दर्ज नहीं कराते लेकिन साइबर क्राइम अधिकारियों का मानना है कि ऐसे मामलों में डरने की बजाय पुलिस से शिकायत करने पर खुद के बचने के साथ ही अन्य किसी को इस परेशानी का सामना करने से बचाया जा सकता है। साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के आंकड़ों के अनुसार पिछले दो साल में सेक्सटॉर्शन के 330 मामले में सामने आए। इनमें 2020 में जहां 80 मामले दर्ज किए गए, वहीं 2021 में अब तक 250 मामले सामने आ चुके हैं। साइबर क्राइम पुलिस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरवीर राठौर कहते हैं कि ऐसे मामलों की जांच में पाया गया है कि ज्यादातर कॉल राजस्थान के मेवात और भरतपुर के दूरदराज के क्षेत्रों में बैठे गिरोह चला रहे हैं। पुलिस लगातार ऐसे लोगों पर कार्रवाई कर रही है।

सोशल प्लेटफार्म पर सतर्कता से होगा बचाव
एसपी साइबर क्राइम रोहित मालपानी कहते हैं कि सोशल मीडिया और इंटरनेट के इस्तेमाल के दौरान अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है। अंजान लिंक या पॉर्न साइटों से दूरी बनानी जरूरी है। इसके अलावा अंजान लोगों से वीडियो कॉल करने से भी बचना चाहिए। अगर ऐसी कोई शिकायत हो तो पैसे देने की बजाय पुलिस से संपर्क करना चाहिए ताकि उन्हें इस नई तरह की ब्लैकमेलिंग से बचाया जा सके। इस पूरी कवायद में साइबर क्राइम पुलिस लोगों की निजता का खास ध्यान रखती है।

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